दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन ! किसान फिर से विरोध क्यों कर रहे हैं?
आपने अब तक तमाम खबरें सुन ली होंगी कि पंजाब हरियाणा दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन ! किसान फिर से विरोध क्यों कर रहे हैं? News bsmaurya और उत्तर प्रदेश के जो तमाम किसान हैं वह एक बार फिर से दिल्ली की ओर अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर के बढ़ रहे हैं और इसी को देखते हुए दिल्ली के प्रशासन की ओर से इस पूरे एरिया में इसके जो बॉर्डर वाला एरिया है वहां पर धारा 144 भी लागू कर दी गई है तो आज इस वीडियो में हम इसी विषय पर विस्तार से बात करने की कोशिश करेंगे कि आखिर जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उनकी क्या मांग हैं इस संबंध में जो तमाम इंपॉर्टेंट टर्म्स आते हैं एक बार उनको भी समझने की कोशिश करेंगे मेरा नाम
है अक्षय और आपका स्वागत है दृष्ट आईएस चैनल की इस नई वीडियो में [संगीत] चलिए वीडियो की शुरुआत करते हैं और सबसे पहले बात करते हैं वीडियो की रूपरेखा की यानी कि उन बिंदुओं की जिन पर हम चर्चा करने वाले हैं तो सबसे पहले हमने न्यूज़ यानी कि खबर को देखा खबर के बाद हम विरोध के कारणों पर बात करेंगे इसके बाद एमएसपी को भी एक बार समझेंगे इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग भी चर्चा में आया है उसको भी देखेंगे और अंत में धारा 144 पर भी बात करेंगे और एक सवाल पर भी चर्चा करेंगे इसके अलावा य जो पूरा टॉपिक है आप इसे जीएस पेपर टू और जीएस पेपर थ्री से जोड़
कर के देख सकते हैं यहां पर आपको किसान का एक सेगमेंट मिलेगा इसके अलावा आपको भारतीय अर्थव्यवस्था का भी एक सेगमेंट यहां पर दिखाई दे जाएगा तो ये कुछ इंपॉर्टेंट सेगमेंट्स थे कुछ इंपॉर्टेंट टॉपिक्स थे जिन पर आज हम यहां पर बात करने वाले हैं चलिए अब हम वीडियो की शुरुआत करते हैं और सबसे पहले हम बात करते हैं कि आखिर जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उन आंदोलनों की असली वजह क्या है एक बार उनकी वजह को भी जानने की कोशिश करते हैं उनके कारणों पर बात करते हैं तो आपको याद होगा कि बीते दिनों 2021 में आंदोलन हुआ था सबसे पहले अगर मांग की बात करें तो किसानों की ओर से
ये मांग की जा रही है कि सरकार सबसे पहले तो न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस को लेकर के इसकी गारंटी देने वाला एक कानून लेकर के आए जिस कानून में ने यह स्पष्ट तौर पर लिखा हो कि हम जो सरकार है वो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करेगी अब आपको याद होगा कि 2021 में भी इस तरह का एक आंदोलन हुआ था एक व्यापक किसान आंदोलन आपको देखने को मिला था और यह किसान आंदोलन जब समाप्त हुआ था तो समाप्ति पर सरकार ने किसानों से वादा किया था कि हम जो है इस संबंध में एक कानून को लेकर के आएंगे लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई भी कानून
लागू नहीं किया गया है तो इसी को देखते हुए इसी से नाराज होकर किसान एक बार फिर से आंदोलन कर रहे हैं इसके अलावा कुछ और मांगे भी हैं उन अन्य मांगों पर अगर आप बात करें तो इसमें पहली मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की जो सिफारिशें थी उन सिफारिशों को स्वीकार किया जाए उन सिफारिशों को लागू किया जाए इसके अलावा किसानों और जो खेतों पर मजदूर काम करते हैं उनके लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए और कृषि ऋण माफ किया जाए एग्रीकल्चर लोन को माफ किया जाए और आपको याद होगा बीते दिनों लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ कुछ हिंसात्मक
घटनाएं देखने को मिली थी जिन घटनाओं में तकरीबन 10 किसानों ने अपनी जान गवाई थी तो मांग ये की गई है कि लखीमपुर ीरी में जो घटना हुई थी उस घटना में किसानों को न्याय दिया जाए जो लोग इस पूरी घटना में इवॉल्व थे उन लोगों को सजा प्रदान की जाए तो ये तमाम चीजें हैं जो कि यहां पर हमें देखने को मिली है यह तमाम मांगे हैं जो कि किसानों की ओर से की जा रही हैं चलिए यह तो हमने मांगों की बात कर ली है अब एक बार यहां पर जो सबसे इंपॉर्टेंट डिमांड है वो है आपका एमएसपी को लेकर के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर के तो एक बार उस डिमांड पर
भी बात कर लेते हैं उसको अगर आप समझने की कोशिश करें तो एमएसपी का क्या मतलब है एमएसपी वो रेट है एमएसपी वो दर है जिस दर पर सरकार जो है किसानों की फसल को खरीदती है सरकार क्यों खरीदती है किसानों की फसल को तो सरकार इसलिए खरीदती है ताकि सरकार जो पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम चलाती है जैसे सरकार राशन कार्ड जो राशन जो प्रदान करती है कम मूल्य पर उस उस राशन की जो खरीददारी की जाती है वो किसानों से की जाती है और वो जो खरीदारी होती है जिस दाम पर होती है उसी प्राइस को आप एमएसपी कहते हैं इस इसके अलावा सरकार बेसिकली किसानों की सहायता के लिए भी इस तरह के कार्यक्रम
चलाती है और वर्तमान समय में सरकार तकरीबन 22 फसलों पर अनिवार्य तौर पर एमएसपी की जो है घोषणा की जाती है इसके अलावा गन्ने पर तो 22 फसलों पर एमएसपी दिया जाता है और एक फसल पर उचित और लाभकारी मूल्य यानी कि फेयर एंड रिमुनरेटिव प्राइस दिया जाता है तो कुल 23 फसलों पर सरकार जो है इस तरह की व्यवस्था करती है जिसमें से 22 फसलों पर आपका एमएसपी है और एक फसल पर आपका एफआरपी है यानी कि उचित और लाभकारी मूल्य है है इसके अलावा इसमें अगर आप देखें तो जो 14 फसलें हैं वो आपकी खरीफ की फसल है तो खरीफ की 14 फसलों पर एमएसपी दी जाती है रबी की
अगर आप देखें तो छह फसलों पर एमएसपी मिलती है और जो दो फसलें हैं वो आपका व्यावसायिक फसलें हैं यानी कि कमर्शियल क्रॉप्स हैं तो ये पूरा स्ट्रक्चर भारत में एमएसपी का है इसके अलावा एमएसपी का निर्धारण जो होता है जो कैलकुलेशन होता है वो आपका कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा किया जाता है और इसका गठन 1965 में हुआ था लेकिन इंपॉर्टेंट पॉइंट्स यहां पर ये है कि कैलकुलेशन तो इस आयोग के द्वारा किया जाता है लेकिन इस संबंध में जो इंपॉर्टेंट डिसीजन है जो अंतिम डिसीजन है वह आपका आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी कि जो जो आपकी कैबिनेट कमेटी है इकोनॉमिक
अफेयर्स की उसकी ओर से लिया जाता है जो कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में काम करती है इसके अलावा गणना कैसे होती है कैलकुलेशन किस तरह से होता है तो आपका यह जो पूरा आयोग है इस आयोग के द्वारा उत्पाद की जो लागत है उसकी उसको कैलकुलेट किया जाता है उस पर विचार किया जाता है और उसके आधार पर आप जो है एमएसपी का निर्धारण करते हैं अब उत्पाद की लागत निकालने के लिए आपके पास तीन मेथड मौजूद हैं इसमें से पहला मेथड है आपका a2 इस मेथड में क्या होता है इसमें बेसिकली आप जो है प्रत्यक्ष लागत निकालते हैं जो डायरेक्ट कॉस्ट है जैसे कि आपका खेती करने में बीज काम आते
हैं तो बीज खरीदने के जो पैसे लगते हैं उर्वरक खरीदने के इसके अलावा कीटनाशकों को खरीदने के लिए श्रम के जो पैसे लगते हैं ईंधन के जो पैसे लगते हैं इसके अलावा आपका सिंचाई के जो पैसे लगते हैं ये सारा आपका डायरेक्ट कॉस्ट हो गया तो इसको आप a2 कैटेगरी में शामिल करते हैं इसके अलावा अलावा अगला आता है ए2 एफएल ए2 एफएल में क्या होता है ए2 एफएल में बेसिकली आपका a2 शामिल होता है यानी कि डायरेक्ट कॉस्ट शामिल होता है इसके अलावा आपका जो अवैतनिक पारिवारिक श्रम है उसको भी यहां पर शामिल किया जाता है यानी कि अगर आप खेती करने के लिए अगर आप जो जो फसल उगा रहे हैं उसमें
अगर आप अपने परिवार का भी इस्तेमाल करते हैं तो इसको आप पारिवारिक अवैतनिक श्रम कहते हैं यानी कि जिस जिसमें आपको परिवार को पैसा तो नहीं देना पड़ा लेकिन श्रम का इस्तेमाल जरूर हुआ तो इसको आप ए टू एफएल वाले मेथड में शामिल करते हैं इसके अलावा अगला मेथड आता है c2 मेथड और c2 मेथड में क्या होता है तो c2 मेथड में बेसिकली आपका सबसे पहले तो a2 एफएल शामिल होता है इसके अलावा किसान की स्वामित्व वाली जो भूमि है उसके कॉस्ट को शामिल किया जाता है किसान की जो अचल संपत्ति है उसको शामिल किया जाता है उस पर जो रेंट आ सकता है उसको शामिल किया जा सकता है तो ये तमाम मेथड
) हैं जिन मेथड्स के आधार पर भारत में आपका उत्पाद लागत को जो है कैलकुलेट किया जाता है और इसके बेस पर जो है आपका सीएसीपी जो आयोग है वो आयोग आपके एमएसपी का निर्धारण करता है इसके अलावा यहां पर एक और शब्द चर्चा में आता है वह है स्वामीनाथन आयोग तो एक बार स्वामीनाथन आयोग पर भी बात कर लेते हैं तो स्वामीनाथन आयोग का जो गठन किया गया था वह सरकार की ओर से 2004 में किया गया था और ऑफिशियल तौर पर इस आयोग को राष्ट्रीय किसान आयोग के नाम से जाना जाता है लेकिन क्योंकि इसके जो अध्यक्ष थे वो एम एस स्वामीनाथन थे डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन तो उन्हीं के नाम पर जो है इस
दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन
पूरी इस पूरी कमेटी को अपना नाम मिला था इसलिए इस वजह इसको कमेटी को स्वामीनाथन आयो के नाम से भी जाना जाता है सुझाव क्या-क्या दिए गए थे तो बहुत सारे सुझाव थे कुछ इंपॉर्टेंट सुझावों को अगर आप देखें तो एक सुझाव यह था कि आप देश में जो है खाद्य और न्यूट्रिशनल सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार करें इसके अलावा फार्मिंग सिस्टम की प्रोडक्टिविटी और स्थिरता में सुधार किया जाए वैश्विक कीमतें गिरने पर किसानों को आयात से बचाया जाए तो ये तमाम सुझाव थे इसके अलावा जो एक इंपॉर्टेंट सुझाव था वो था आपका c2 + 50 फार्मूला तो c2 तो हमने
देख लिया कि c2 क्या होता है है किस आधार पर इसको कैलकुलेट किया जाता है अब c2 + % फॉर्मूला क्या है तो c2 + 50 पर फॉर्मूले में मुख्य तौर पर ये कहा गया था कि इसका उद्देश्य था क्या एमएसपी सुनिश्चित करने का जो है एमएसपी निकालने का एक फॉर्मूला था क्या होता था इस फॉर्मूले में तो इस फॉर्मूले में स्वामीनाथन आयोग ने यह कहा था कि किसानों को जो औसत लागत है यानी कि आपका जो यह c2 वाला मेथड है औसत लागत से कम से कम 50 प्र ज्यादा एमएसपी मिलनी चाहिए यानी कि c2 जितना भी निकल कर के आता है इस c2 में हम 50 प्र अमाउंट जो है और ऐड करना चाहिए यानी कि अ अगर इसके
एग्जांपल को आप देखें तो अगर c2 किसी फसल का 100 निकल करके आता है तो यहां पर हमें 50 पर और ऐड करना चाहिए और किसानों को हमें 50 देने चाहिए ऐसा स्वामीनाथन आयोग की ओर से कहा गया था और इसी वजह से किसान यह मांग कर रहे हैं कि भारत में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए खास तौर पर t2 प् 50 पर फॉर्मूले को लागू करने की बात की जा रही है अब हम बात करते हैं भारत में में धारा 144 की तो अगर आप सीआरपीसी को पढ़ेंगे तो वहां पर आपको धारा 144 दिखाई दे जाएगी ये जो धारा है ये धारा बेसिकली किसी भी क्षेत्र के जो मजिस्ट्रेट होते हैं उनको यह अधिकार देती
है कि वह अपने निर्दिष्ट क्षेत्र में चार या फिर चार से ज्यादा लोगों को एक साथ इकट्ठा होने से रोकने का आदेश जारी कर सकते हैं कारण क्या होता है क्यों जारी किया जाता है तो यह आदेश बेसिकली किसी क्षेत्र में उपद्रव उपद्रव को रोकने के लिए इसके अलावा किसी संभावित खतरे को टालने के लिए सर का आदेश जो है जारी किया जा सकता है इसके अलावा यह आदेश जो है वह किसी एक विशेष व्यक्ति के खिलाफ भी जारी किया जा सकता है या फिर आम जनता इन जनरल सभी के लोगों के सभी लोगों के खिलाफ जारी किया जा सकता है विशेषताओं की अगर आप बात करें तो यहां पर किसी भी प्रकार के हथियार
को रखने पर प्रतिबंध लगाया जाता है और अगर आप इसका उल्लंघन करते हैं तो आपको अधिकतम ती वर्ष की जो है सजा हो सकती है इसके अलावा आवाजाही ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध होता है जो तमाम एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स हैं उन्हें बंद कर दिया जाता है इसके अलावा किसी भी प्रकार की रैली आप नहीं कर सकते हैं किसी भी प्रकार की जनसभा सभा आप नहीं कर सकते हैं और साथ ही इंटरनेट एक्सेस को ब्लॉक करने का अधिकार भी मजिस्ट्रेट को प्रदान किया जाता है और भारत में लगभग जहां भी इंटरनेट ब्लॉक होता है इंटरनेट को ब्लॉक किया जाता है उसमें से अधिकांश में आपको धारा 144 ही दिखाई दे
) जाएगी तो ये हमने धारा 144 को भी यहां पर देख लिया है अब यहां पर करंट अफेयर का जो सेगमेंट है वो समाप्त होता है और अब हम इस पूरे विषय से जुड़े एक सवाल पर भी बात कर लेते हैं तो आज का हमारा सवाल है आपका कि हाल ही में खबरों में रहा स्वामीनाथन आयोग किस विषय से जुड़ा हुआ है तो हमारे ऑप्शन है ऑप्शन ए सोशल मीडिया ऑप्शन बी शेयर बाजार ऑप्शन सी मूल्य प्रतिस्पर्धा या फिर ऑप्शन डी न्यूनतम समर्थन मूल्य तो कमेंट बॉक्स में सवाल का जवाब देना बिल्कुल भी मत भूलिए और मुझे उम्मीद है कि वीडियो आपको पसंद आई होगी अगर पसंद आई है तो वीडियो को लाइक कीजिएगा अपने दोस्तों के
साथ शेयर कीजिएगा मिलते हैं आपसे कल तब तक अपना ख्याल रखिए ध्यान रखिए पढ़ते रहिए धन्यवाद डियर व्यूवर्स अपने एग्जाम की तैयारी को और बेहतर करने के लिए हमारे चैनल को लाइक शेयर और सब्सक्राइब करना ना भूलें